कच्चथीवु द्वीप Katchatheevu Island, भारत और श्रीलंका के बीचभारतीय महासागर के मध्य में स्थित है। यह छोटा सा कच्चथीवु द्वीप Katchatheevu Island निर्जलिकरण क्षेत्र के रूप में जाना जाता है और इसका महत्व दो देशों के बीच सीमा विवाद के कारण हो गया है। इस लेख में, हम कच्चथीवु द्वीप Katchatheevu Island के बारे में, उसका इतिहास history के बारे में जानेंगे ।
कच्चथीवु द्वीप का सामान्य इतिहास। History of Katchatheevu Island
कच्चथीवु द्वीप का इतिहास (History of Katchatheevu Island) बहुत ही प्राचीन है यह हम जानते है और यह एक प्राचीन महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में रामायण (Ramayana) काल से भी माना जाता है। यह द्वीप श्रीरामायण काल में एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में प्रसिद्ध था, जब राम भक्त हनुमानजी (Hanuman) ने इसे लंका के साथ जोड़ा था।
कच्चथीवु द्वीप ( Katchatheevu Island) के पारम्परिक इतिहास में श्रीलंका और भारत के बीच विवाद का भी हिस्सा बन चुका है। यह कच्चथीवु द्वीप ( Katchatheevu Island) श्रीलंका और भारत विभाजन का कारण बन चुका है जिसका इतिहासिक पारंपरिक उपयोग हो रहा है। वह सामान्य इतिहास हम नेहरू के काल से बन गया है जो की नेहरू जी की एक गलती आज उनके पुरे परिवार की जेलनि पड़ती है।
क्या हम जानते है भारत-श्रीलंका समझौता
कच्चथीवु द्वीप ( Katchatheevu Island) के बारे में भारत और श्रीलंका के बीच समझौता 1974 में हुआ था. वह समजौता तत्कालीन कोंग्रेस सरकार ने किया था । जिसमें इसे गाँधी परिवार ने श्रीलंका के नाम पर किया गया था। इस समझौते के तहत, कच्चथीवु द्वीप को भारत का हिस्सा माना जाता है, लेकिन इसमें निर्जलिकरण की अनुमति नहीं होती है। आज कच्चथीवु द्वीप हमारे पास होता तो आज समुद्रसंपत्ति की साझेदारी बढ़ जाती।
कच्चथीवु द्वीप ( Katchatheevu Island) समझौते के बावजूद, कच्चथीवु द्वीप का मामला भारतीय राजनीति में अक्सर उठता है। हम जानते है की २०२४ में आनेवाली इलेक्शन में भी उसका आवाज उठने वाला है, कई लोग इसे भारत के हक का उल्लंघन मानते हैं और इसे वापस लेने की मांग करते हैं।
सांविदानिक दृष्टिकोण से कच्चथीवु द्वीप को जाने Know the island of Katchatheevu from the constitutional point of view
सांविदानिक दृष्टिकोण से एवं कानून से जाने तो , कच्चथीवु द्वीप के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारत की छवि को हानि पहुंचाने के तथ्यों को खारिज कर दिया है। इसके अलावा,आज की भारतीय सरकार ने इसे एक भारत का एक हिस्स्सा का अधिकार के साथ और उसकी सुरक्षा के लिए संपूर्ण जिम्मेदारी उठाई है।
माना जाता है की, कच्चथीवु द्वीप एक ऐतिहासिक और राजनीतिक उलझन का स्रोत बना है (Katchatheevu Island has become a source of historical and political confusion) जिसमें भारत और श्रीलंका के बीच जलसंधि के मामले पर अब तक समझौता हुआ था वो भी राजनीतिक उलझन बन गया है।
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